Patli Kamariya Mor Hai Hai Lyrics In Hindi – Raj Kusmy | Anju Kushmi

Patli Kamariya Mor Hai Hai" is a folk song from the state of Uttar Pradesh in India. It is a lively and upbeat song that is popular at weddings and other festive occasions. The song is often performed by folk artists and has been adapted by various musicians over the years.

♪ Song - Patli Kamariya Mor Hai Hai
♪ Singer - Raj Kusmy & Anju Kushmi
♪ Featuring-  Raj Kusmy & Anju Kushmi
♪ Music - Raj Kusmy & Ganesh Chaudhary
♪ Lyrics - Raj Kusmy
♪ Lable - Gangster Club Music


निखरे जवानी दिल के लगी
निखरे जवानी दिल के लगी
तेजोरी में ताला बंद वा
बैंड वा


हुस्न के दरवाजे टोडके लिटिल
ओह जिकर बॉडी में डंबा
ओह जिकर बॉडी में डंबा

हुस्न के दरवाजे टोडके लिटिल
ओह जिकर बॉडी में डंबा

खोलके तेजोरी का सुरकस का लुटु
अरे बोलके लकेरे आ जाम के लुटा
न रे न रे न ना
अरे खोलके तेजोरी का सुरकस का लुटु
अरे बोलके लकेरे ए जाम के लौटा

ओह तोहरे रग रग मी
ओह तोहरे रग रग में मस्ती की
खजाना ऐसे लुटा

पतली कमरिया मोरी है
तिरछी नजरिया मोरी है
रसभरी बदनिया तोरी है
कातिल फिगर तो है है

क्या ढल है उसका नशा
नज़र के इशारे से बढ़ाैला
दिखा के मायाजल

भेगल बदन पानी में आग लगाओ
कास कल जो शीतल हैं
अरे अरमान जगैलो
अबकी आके मोरी संसों में समो छमिया
हुस्न में माधोश बहुत बहैया में आओ छमिया


निखरे जवानी दिल के लगी
निखरे जवानी दिल के लगी
तेजोरी में ताला बंद वा
बैंड वा

हुस्न के दरवाजे तोड़के लूटलेम
ओह जिकर बॉडी में डंबा
ओह जिकर बॉडी में डंबा

हुस्न के दरवाजे तोड़के लूटलेम
ओह हमरी बॉडी में डंबा
हुस्न के दरवाजे तोड़के लूटलेम
ओह हमरी बॉडी में डंबा

परोसा हटके बदलिया के
ना जेन एस्कान जब
परोसा हटके बदलिया के
ना जेन एस्कान जब
मौसम सुहाना जीया रातों में
जगले मानके सी अदब

जलने वाला सो जानेमन
बेचानी कारिलो
पर उसके हटके बादिनिया जानेमन
घायल करिलो

अब तू रोज आके मोर, संसों में समो राजा
हुस्न में माधोश नाता बहियां में आओ राजा

निखरे जवानी दिल के लगी
निखरे जवानी दिल के लगी
तेजोरी में ताला बंद वा
बैंड डब्ल्यू

हुस्न के दरवाजे तोड़के लूटलेम
ओह हमरी बॉडी में डंबा
हुस्न के दरवाजे तोड़के लूटलेम
ओह हमरी बॉडी में डंबा


हुस्न के दरवाजे तोड़के लूटलेम
ओह जिकर बॉडी में डंबा
हुस्न के दरवाजे तोड़के लूटलेम
ओह जिकर बॉडी में डंबा

अरे खोलके तेजोरी का सुरकस का लुटु
अरे बोलके लकेरे आ जाम के लौटन

हो तोरे गलीचा में मस्ती खजाना ऐसे लूटन
पतली कमरिया मोरी है
तिरछी नजरिया मोरी है
रसभरी बदनिया तोरी है
कातिल फिगर तो है है
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